घर खरीदने का प्लान? होम लोन और SIP में कौन देगा बड़ा फायदा

घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इसके लिए आवश्यक धनराशि जुटाना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। मान लीजिए, आप ₹61 लाख का घर खरीदना चाहते हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दो प्रमुख विकल्प हैं: ₹55 लाख का होम लोन लेना या समान राशि को SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश करना। आइए, इन दोनों विकल्पों की तुलना करें और समझें कि कौन सा मार्ग आपके लिए उपयुक्त हो सकता है।

होम लोन: तुरंत घर, लेकिन लंबी देनदारी

तुरंत घर का स्वामित्व: होम लोन लेने से आप तुरंत अपने सपनों के घर में रह सकते हैं।

ब्याज का बोझ: हालांकि, आपको मूलधन के साथ-साथ ब्याज भी चुकाना होगा, जिससे कुल भुगतान राशि बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आप 20 वर्षों के लिए 9.5% ब्याज दर पर ₹55 लाख का लोन लेते हैं, तो आपकी मासिक EMI लगभग ₹51,267 होगी। इस अवधि में, आप कुल मिलाकर लगभग ₹1,23,04,132 का भुगतान करेंगे, जिसमें से ₹68,04,132 केवल ब्याज होगा।

कर लाभ: होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और मूलधन पर कर छूट मिलती है, जिससे आपकी कर देनदारी कम हो सकती है।

SIP निवेश: धैर्य के साथ धन संचय

नियमित निवेश: SIP के माध्यम से आप मासिक निवेश कर सकते हैं, जिससे समय के साथ एक बड़ा कोष बनता है।

उच्च रिटर्न की संभावना: लंबी अवधि में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश से औसतन 12-15% वार्षिक रिटर्न मिल सकता है।

लचीलापन: आप अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार निवेश राशि को बढ़ा या घटा सकते हैं।

तुलना: कौन सा विकल्प बेहतर?

समय कारक: होम लोन से आप तुरंत घर खरीद सकते हैं, जबकि SIP के माध्यम से आवश्यक धनराशि जुटाने में समय लगेगा।

कुल लागत: होम लोन पर ब्याज के कारण आप अधिक भुगतान करेंगे, जबकि SIP में निवेश से मिलने वाला रिटर्न आपके निवेश को बढ़ाता है।

जोखिम: SIP में बाजार जोखिम होता है, जबकि होम लोन की ब्याज दरें अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं।

निष्कर्ष: आपकी प्राथमिकता क्या है?

यदि आप तुरंत घर खरीदना चाहते हैं और नियमित EMI चुकाने में सक्षम हैं, तो होम लोन एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है। हालांकि, यदि आप धैर्यपूर्वक निवेश कर सकते हैं और बाजार जोखिमों को समझते हैं, तो SIP के माध्यम से धन संचय करना एक किफायती विकल्प हो सकता है।

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