हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की है, जिससे दरें 4.25% से 4.50% के बीच आ गई हैं। हालांकि, फेड ने संकेत दिया है कि अगले वर्ष दरों में कम कटौती होगी, जिससे वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ गई है।
Nifty 50 के लिए प्रमुख समर्थन और प्रतिरोध स्तर
तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी 50 के लिए तत्काल समर्थन स्तर 24,550 पर है, जबकि प्रतिरोध 25,000–25,200 के बीच देखा जा रहा है। यदि निफ्टी इन स्तरों के बीच रहता है, तो यह बाजार की स्थिरता का संकेत होगा।
फेड की सख्त नीति का बाजार पर प्रभाव
फेडरल रिजर्व की सख्त नीति के कारण वैश्विक बाजारों में बिकवाली का दबाव देखा गया है। अमेरिकी बाजारों में प्रमुख सूचकांकों में गिरावट आई है, जिससे भारतीय बाजारों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
भारतीय बाजार में बढ़ती अस्थिरता
डेरिवेटिव डेटा के अनुसार, भारतीय बाजार में अस्थिरता बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी का ट्रेडिंग रेंज लगभग 1,500 अंकों तक बढ़ सकता है, जिससे निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने पोर्टफोलियो का पुनर्मूल्यांकन करें। महत्वपूर्ण समर्थन और प्रतिरोध स्तरों पर नजर रखें और किसी भी बड़े निर्णय से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें।
निष्कर्ष
फेडरल रिजर्व की सख्त नीति और वैश्विक बाजारों में बढ़ती अस्थिरता के बीच, Nifty 50 के लिए 24,550 का समर्थन स्तर महत्वपूर्ण है। निवेशकों को सतर्कता बरतते हुए बाजार की दिशा पर नजर रखनी चाहिए और सूचित निर्णय लेने चाहिए।
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